
ज़िन्दगी न जाने कितने रंग दिखाती है,
कभी खिलखिलाती है,
तो कभी मुस्कुराती है,
कभी हसाती है,
तो कभी रुलाती है,
कभी गुनगुनाती है,
तो कभी सुरों के तारो को झनझना जाती है,
विचारों में न जाने कितने खवाब संजो जाती है…
~Aadria Archana~
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